दर्ज़ा
तुम्हारी चाहत मत बनाओ
तुम्हारी चाहत मत बनाओ
दूरदृष्टि
राह थी हमसफर थे
कभी रवि और निशा तो कभी ऊष्मा और शीत
वो जाम ही क्या जिसमें शराब न हो
वो रिश्ता ही क्या जो अजीब ना हो
लक्ष भावनाएँ।
It's a lazy, rainy evening
Collaborative Effort From ND And SwaSwa