Reply to Filhaal
[8/19, 22:25] ND: इक बात कहूं तुमसे
कहने से डरता हूं
टूटे दिल की बातें
बस खुद से करता हूं
तुम जान थे बस मेरी
और मुझे चाहते थे
अब दूर गए हो तुम
कभी पास बुलाते थे
क्यों ऐसा किया तुमने
क्या मेरी गलती थी
दिल में जान नहीं मेरे
तुम्हारी सांसें मिलती थी
तुम पास में रहते थे
रोजाना मिलते थे
अब यादों में रहते हो
पर पास नहीं मेरे
कोई बुरी नजर होगी
जो दूर गए हो तुम
कब लौट के आओगे
कब बनेंगे फिर हमतुम
[8/19, 22:50] ND: बस एक गुजारिश है
यादों में तो रहना
गम तेरी जुदाई का
मुझे और नहीं सहना
बस एक तमन्ना है
उसे प्यार तो कर लेना
औलाद जो आ जाए
बस नाम मेरा रखना
दिल खून से है जख्मी
कोई जन्नत लूट गया
मुझे कौन संभालेगा
वो कांधा छूट गया
एक मन्नत थी मेरी
कोई जुदा करे न हमें
अब एक सबक सीखा
कोई मन्नत न मांगे
तेरी लौ में जलता हूं
बनता दिल में मेरे धुआं
गम से भी हो गहरा
दर्द का काला काला कुआं
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