Friday, June 11, 2021

मैं लिखता हूं किसके लिए लिए

मैं लिखता हूं किसके लिए 
लिए दिल में यादों के दिए
वो कहां गए किधर गए
वो दूर गए वो बिखर गए 

छोड़ गए मुझे किसके साथ 
न कोई सहारा न कोई हाथ
लहरें हैं में घिरा हुआ हूं 
अंधेरी में डरा हुआ हूं

जान अटकी हलक में है
मायूसी सी फलक में है 
कोई नहीं मुझे जानने वाला 
थामने वाला पहचानने वाला

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